बुलवायो के मैदान पर खेले जा रहे जिम्बाब्वे और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला खेला जा रहा है। इस मैच में जिम्बाब्वे टीम की प्लेइंग 11 में साढ़े तीन साल का बैन खत्म होने के बाद ब्रेंडन टेलर की भी वापसी हुई है, जिन्होंने मैदान पर उतरने के साथ खुद को एक खास लिस्ट में शुमार कर लिया है।जिम्बाब्वे और न्यूजीलैंड के बीच में खेली जा रही 2 मैचों की टेस्ट सीरीज के दूसरे मुकाबले का आगाज 7 अगस्त से हो गया है जो बुलवायो के क्वींस स्पोर्ट्स क्लब में खेला जा रहा है। इस मैच में दोनों टीमों की प्लेइंग 11 में बदलाव देखने को मिला है, जिसमें मेजबान जिम्बाब्वे ने 2 चेंज किए हैं और ब्रेंडन टेलर के अलावा ट्रेवर ग्वांडु को जगह मिली है। टेलर जो पिछले 3.5 साल से आईसीसी की तरफ से लगाए गए बैन का सामना कर रहे थे उन्होंने प्लेइंग 11 में वापसी के साथ खुद को एक ऐसी लिस्ट में शुमार कर लिया है, जिसमें टेस्ट क्रिकेट के महान खिलाड़ी शामिल हैं।
सबसे लंबे टेस्ट करियर के मामले में बने 12वें खिलाड़ी
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अब तक कई ऐसे दिग्गज खिलाड़ी देखने को मिले हैं, जिनका करियर काफी लंबा चला है जिसमें अब जिम्बाब्वे टीम के पूर्व कप्तान ब्रेंडन टेलर का भी नाम शामिल हो गया है। टेलर ने इस मामले में जेम्स एंडरसन और शिवनारायण चंद्रपॉल को पीछे छोड़ा है। टेलर ने साल 2004 में टेस्ट में डेब्यू किया था जब उन्हें श्रीलंका के खिलाफ हरारे के मैदान पर खेले गए मुकाबले में खेलने का मौका मिला था। वहीं ब्रेंडन टेलर ने साल 2021 में जब उन्होंने अपना पिछला टेस्ट मुकाबला खेला था तो उसके बाद उन्हें आईसीसी की भ्रष्टाचार विरोधी संहिता द्वारा 3.5 साल के बैन का सामना करना पड़ा था।
ब्रेंडन टेलर ने अब बैन खत्म होने के बाद एकबार फिर से इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी की है जिसके साथ ही उनका टेस्ट करियर कुल 21 साल 93 दिन लंबा हो गया है और वह सबसे लंबे अंतराल तक इस फॉर्मेट को खेलने के मामले में 12वें खिलाड़ी बन गए हैं। इस लिस्ट में ब्रेंडन टेलर से आगे ब्रायन क्लोजे, सिड ग्रेगरी और सचिन तेंदुलकर सिर्फ तीन ही ऐसे प्लेयर हैं जिनके टेस्ट करियर के दौरान किसी वजह से रुकावट से बैन देखने को नहीं मिला था।
खिलाड़ी | टीम | डेब्यू | रिटायरमेंट | कुल साल |
विल्फ्रेड रोड्स | इंग्लैंड | एक जून 1899 | 12 अप्रैल 1930 | 30 साल 315 दिन |
ब्रायन क्लोज | इंग्लैंड | 23 जुलाई 1949 | 13 जुलाई 1976 | 26 साल 356 दिन |
फ्रैंक वॉली | इंग्लैंड | 9 अगस्त 1909 | 22 अगस्त 1934 | 25 साल 13 दिन |
जॉर्ज हेडली | वेस्टइंडीज | 11 जनवरी 1930 | 21 जनवरी 1954 | 24 साल 10 दिन |
सचिन तेंदुलकर | भारत | 15 नवंबर 1989 | 16 नवंबर 2013 | 24 साल 1 दिन |
जॉन ट्रेकोस | साउथ अफ्रीका, जिम्बाब्वे | 5 फरवरी 1970 | 17 मार्च 1993 | 23 साल 40 दिन |
जैक होब्स | इंग्लैंड | एक जनवरी 1908 | 22 अगस्त 1930 | 22 साल 233 दिन |
जॉर्ज गन | इंग्लैंड | 13 दिसंबर 1907 | 12 अप्रैल 1930 | 22 साल 120 दिन |
सिड ग्रेगरी | ऑस्ट्रेलिया | 21 जुलाई 1890 | 22 अगस्त 1912 | 22 साल 32 दिन |
फ्रेडी ब्राउन | इंग्लैंड | 29 जुलाई 1931 | 30 जून 1953 | 21 साल 336 दिन |
डेव नोर्स | साउथ अफ्रीका | 11 अक्टूबर 1902 | 19 अगस्त 1924 | 21 साल 313 दिन |
ब्रेंडन टेलर | जिम्बाब्वे | 6 मई 2004 | अभी जारी है | 21 साल 93 दिन* |
टेलर 44 रन बनाकर लौटे पवेलियन
न्यूजीलैंड के खिलाफ बुलवायो टेस्ट मैच में ब्रेंडन टेलर 44 रनों की पारी खेलने के बाद अपना विकेट गंवा बैठे। टेलर के पास अभी इस टेस्ट मैच की दूसरी पारी में एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम करने का भी मौका है, जिसमें वह 18 रन और बनाते हैं तो इंटरनेशनल क्रिकेट में जिम्बाब्वे की तरफ से सिर्फ तीसरे ऐसे प्लेयर बनेंगे जो 10000 रनों का आंकड़ा हासिल करेंगे।